गोचर और लग्न कुंडली से वर्तमान स्थिति जानें।

Gochar Kaise Dekhe गोचर चंद्र कुंडली के लिए भी देखा जाता है और लग्न कुंडली के लिए भी लेकिन अधिकतर चंद्र कुंडली के लिए ही गोचर का प्रयोग होता है और प्रत्येक दिन के राशिफल के लिए भी ग्रह-गोचर का देखना आवश्यक होता है। तो इस लेख में हम गोचर को अपनी लग्न कुंडली में कैसे लागू करें और वर्तमान स्थिति को किस प्रकार जानें इसका विश्लेषण करेंगे; साथ में ये भी देखेंगे कि गोचर के लिए हमें सर्वाधिक किन ग्रहों पर ध्यान देना है। तो करते हैं श्री गणेश इस विषय का – नमस्ते! Anything that makes you feel connected to me — hold on to it. मैं Aviral Banshiwal, आपका दिल से स्वागत करता हूँ|🟢🙏🏻🟢

गोचर क्या है?

Gochar Kaise Dekhe – यदि लग्न कुंडली सम्पूर्ण जीवन का खाका है तो ग्रह-गोचर वर्तमान स्थिति का ब्यौरा है। मान लीजिए, आपकी लग्न कुंडली में शिक्षा या धन का भाव प्रखर है। तो क्या इसका अर्थ यह है कि आप तुरंत ही सम्पूर्ण शिक्षा और धन प्राप्त कर लेंगे? बिल्कुल नहीं। लेकिन जीवन के अंत तक आप अत्यधिक शिक्षित और धनवान अवश्य होंगे।

समय निरंतर बदलता है, क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है। इस बदलते समय को समझने और उसके प्रभावों को जानने के लिए गोचर को समझना अत्यंत आवश्यक है। किसी वर्ष आपको धन की अधिक प्राप्ति होगी, तो किसी वर्ष बहुत कम या शायद बिल्कुल भी नहीं। यही अंतर गोचर की भूमिका को स्पष्ट करता है।

गोचर का अर्थ

Gochar Kaise Dekhe को समझने से पहले इसका अर्थ जानना जरूरी है। ‘गोचर’ शब्द संस्कृत की गम् धातु से बना है, जिसका अर्थ है – गमन करना या चलना। यहाँ ‘गो’ का अर्थ है ग्रह, नक्षत्र या तारा, और ‘चर’ का मतलब है गतिमान या गति करने वाला। इस प्रकार, गोचर का शाब्दिक अर्थ है भ्रमण करने वाला – अर्थात्‌ ग्रह, नक्षत्र या खगोलीय पिंड की गति। हर ग्रह अपनी चाल के अनुसार निरंतर परिवर्तन करता रहता है और जन्म लग्न कुंडली के आधार पर जातक पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालता है।

गोचर को समझने के लाभ

ज्योतिष केवल भविष्य बताने का साधन नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन के हर मोड़ पर सही निर्णय लेने का मार्ग दिखाता है। जब हम यह सीख जाते हैं कि Gochar Kaise Dekhe, तो हमें कई स्तरों पर फायदे मिलते हैं।

  1. शिक्षा और करियर की दिशा – गोचर यह बताता है कि किस समय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना है और कब करियर में नए अवसर सामने आ सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि गुरु का शुभ गोचर हो, तो शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षा या नौकरी में उन्नति के योग मजबूत होते हैं।
  2. धन और व्यवसाय – गोचर का सीधा असर धन की स्थिति पर पड़ता है। किस वर्ष लाभ अधिक होगा और किस वर्ष बचत पर जोर देना चाहिए, यह जानने में गोचर मदद करता है। शनि और राहु का गोचर खासतौर पर आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता है।
  3. स्वास्थ्य और मानसिक शांति – चंद्र और शनि का गोचर व्यक्ति के स्वास्थ्य व मानसिक स्थिरता को प्रभावित करते हैं। सही समय का पता होने से हम पहले से सावधानी बरत सकते हैं।
  4. विवाह और पारिवारिक जीवन – गुरु और शुक्र के गोचर से विवाह और रिश्तों की स्थिति स्पष्ट होती है। शुभ गोचर अच्छे रिश्ते लाते हैं, जबकि अशुभ गोचर में सावधानी आवश्यक होती है।
  5. निर्णय लेने में आत्मविश्वास – जब व्यक्ति को पता होता है कि किस ग्रह का समय अच्छा है और कौन-सा कठिनाई ला सकता है, तो वह अपने निर्णय अधिक आत्मविश्वास से ले पाता है।

👉 कुल मिलाकर, गोचर हमें केवल “क्या होगा” यह नहीं बताता, बल्कि यह भी सिखाता है कि “कैसे संभलना है” और “कब अवसरों का लाभ उठाना है।”

गोचर कैसे देखा जाता है?

अब तक हमने समझा कि गोचर से ग्रहों की वर्तमान स्थिति का पता चलता है। लेकिन सवाल यह है कि इससे हमें अपनी व्यक्तिगत वर्तमान परिस्थिति का अंदाज़ा कैसे लगेगा? यही समझाने के लिए प्रारम्भ में ही कहा था कि हम Gochar Kaise Dekhe को लग्न कुंडली में अप्लाई करना सीखेंगे। जब हम जन्म लग्न के अनुसार ग्रहों की वर्तमान गति को देखेंगे, तब हमें अपनी करंट पोज़िशन (वर्तमान स्थिति) की स्पष्ट जानकारी मिलेगी। इससे हमें यह भी समझ आता है कि गलत या कठिन समय में हमें कौन-सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए और किस प्रकार परिस्थितियों का सामना करना चाहिए।

लग्न कुंडली बनाम ग्रह-गोचर

  1. जीवन बनाम वर्तमान – सम्पूर्ण जीवन की स्थिति को समझने के लिए लग्न कुंडली का विश्लेषण आवश्यक है, जबकि वर्तमान परिस्थिति जानने के लिए गोचर देखना जरूरी होता है।
  2. अंश का महत्व – लग्न कुंडली में जो अंश रहता है, वही अंश गोचर को लग्न कुंडली में अप्लाई करते समय अध्ययन के लिए उपयोग में आता है।
  3. योगकारक और मारक ग्रह – लग्न कुंडली में जो ग्रह योगकारक या मारक निकलकर आते हैं, उसी आधार पर गोचर में उनका फल निर्धारित होता है।
  4. उदाहरण – गुरु का फल – यदि लग्न कुंडली में गुरु योगकारक हैं, तो गोचर में वे कहीं भी भ्रमण करें, वहाँ शुभ परिणाम ही देंगे। चाहे वे नीच राशि में हों, त्रिक भाव में हों, या किसी विपरीत परिस्थिति में हों – यदि मूल लग्न कुंडली में गुरु योगकारक हैं, तो गोचर में भी वे योगकारक ही बने रहेंगे।
  5. गोचर का निष्कर्ष – गोचर के अध्ययन से हमें यह समझ आता है कि योगकारक ग्रह वर्तमान में किस क्षेत्र में शुभ परिणाम दे रहे हैं और मारक ग्रह कहाँ अशुभ फल दे रहे हैं।

कुंडली में गोचर कैसे देखें?

अब सवाल उठता है – कुंडली में Gochar Kaise Dekhe? इसे सही ढंग से समझने के लिए पहले हमें किसी एक लग्न कुंडली का विश्लेषण करना होगा। जब हम उस कुंडली की मूल संरचना और ग्रह स्थिति को समझ लेंगे, तभी हम उसी कुंडली में ग्रह-गोचर को अप्लाई कर पाएँगे। इस प्रकार हम स्पष्ट रूप से जान सकेंगे कि वर्तमान समय में हमारी क्या स्थिति है और किस ग्रह के प्रभाव से जीवन में कौन-से शुभ या अशुभ परिणाम सामने आ रहे हैं।

जन्मतिथि31 दिसम्बर, 1993
जन्म समय08:00 AM
जन्म स्थानBatala, Punjab
चित्र – 1
योगकारकअंशबलबलअंशमारक
गुरु15°100%50%07°राहु (नीच)
शनि03°25%50%07°केतु (नीच)
मंगल (अस्त)14°0%
बुध (अस्त)13°0%
चंद्र (विपरित)12°100%
सूर्य15°100%
शुक्र (अस्त, राशि परिवर्तन)11°0%

उपर्युक्त चित्र-1 में लग्न कुंडली के साथ चलित कुंडली भी है। चलित कुंडली में कुछ ग्रहों ने अपना स्थान बदल लिया है। लग्न कुंडली में जो ग्रह योगकारक होगा वो चलित कुंडली में भी अच्छे फल देगा जैसे राहु लग्न कुंडली में मारक हैं और 12H में हैं लेकिन चलित में 11H में हैं किन्तु लग्न कुंडली के अनुसार राहु मारक हैं इसलिए अब राहु 12H, 11H और जहाँ-जहाँ इनकी दृष्टि पड़ेगी वहाँ-वहाँ अपने समय में गलत ही परिणाम देंगे।

चलित कुंडली में किसी ग्रह के स्थान परिवर्तन होने से ग्रह की ऊर्जा विभाजित हो जाती है और इस प्रकार ग्रह लग्न कुंडली में जहाँ विराजित है और चलित कुंडली में जहाँ है; दोनों स्थानों को प्रभावित करता है। ग्रह का प्रभाव लग्न कुंडली में उसकी योगकारकता और मारकता पर निर्भर करता है।

  • अब हम इसी कुंडली पर आज का गोचर अप्लाई करेंगे और जानेंगे कि फ़िलहाल में ग्रह कहाँ असरदार हैं।
वर्तमान स्थानZirakpur-Mohali Punjab
वर्तमान समय04:30 PM
वर्तमान तारीख28 जनवरी, 2023
चित्र – 2

वर्तमान स्थान जन्म स्थान से बदल गया है क्योंकि ये महोदय लंबे समय से फ़िलहाल यहीं रह रहें हैं और आपको भी गोचर देखते समय यही करना है। यदि कुछ समय के लिए घूमने या किसी कारणवश घर से बाहर आएँ हैं तब तो आप अपने स्थायित्व वाला ही स्थान का गोचर देखिए। जन्म स्थान और वर्तमान स्थान यदि अलग-अलग हों तो वर्तमानकालिक स्थायित्व वाला स्थान ही का गोचर देखा जाता है। इस समय ग्रहों का गोचर उपर्युक्तानुसार है। वैसे कोई भी स्थान चुनो भारत के लिए ग्रहों का गोचर समान रहता है; यहाँ तक कि सम्पूर्ण पृथ्वी पर ग्रहों का गोचर समान रहता है सिर्फ चंद्रमा को छोड़कर। खैर!

  • फिर भी आप अपनी संतुष्टि के लिए वर्तमान स्थान का गोचर देखें।

अब हमें अपनी लग्न कुंडली पर इस गोचर को अप्लाई करना है तो सबसे पहले अपनी लग्न कुंडली का एक खाली चित्र बनाइये कुछ इस प्रकार;

चित्र – 3

अब देखो हमने जो Zirakpur-Mohali चित्र – 2 का गोचर निकाला ना, उसमें जिस नंबर में जो ग्रह है वो ग्रह उसी नंबर में अपने खाली लग्न कुंडली में लिख दीजिए जैसे गोचर में मंगल 2 नंबर वृषभ राशि में है —- अपनी लग्न कुंडली में 2 नंबर (वृषभ राशि) छठे घर (6H) में है; वहाँ मंगल को बैठा दीजिए। इसी तरह सभी ग्रह अपनी कुंडली में छाप दीजिए, कुछ इस प्रकार:-

चित्र – 4

अंततः हमने ये निकाल लिया कि हमारी लग्न कुंडली में ग्रहों का गोचर इन घरों में भ्रमण कर रहा है। अब गोचर अप्लाई करने के बाद विश्लेषण करते समय ये ध्यान रखना है कि गोचर में भी सिर्फ़ क्रमशः गुरु, शनि, राहु और केतु ग्रह पर ही ध्यान देना है क्योंकि ये ग्रह ही अधिक समय तक एक राशि में रुकते हैं और जो अधिक समय तक रहेगा उसी का प्रभाव विश्लेषण करने पर समझ आएगा हालाँकि प्रभावकारी तो सभी ग्रह हैं और सभी अपने आप में महत्वपूर्ण हैं लेकिन अन्य ग्रह जल्दी-जल्दी राशि को बदल देते हैं जिससे कि गोचर में इन ग्रहों का अध्ययन मस्तिष्क में उलझन उत्पन्न करता है।

लेकिन यदि आप हर दो दिन या 45 दिन के समयान्तराल का गोचर समझना चाहते हैं तो फिर इन ग्रहों का गोचर में अध्ययन अवश्य करें। फ़िलहाल हम इस कुंडली में गोचर का विश्लेषण करते हैं:- उपर्युक्त धनु लग्न की कुंडली में वर्तमान समय (28/01/2023 को) में केतु की महादशा और शनि की अंतर्दशा चल रही है। गोचर का अध्ययन करते समय ये जरूर देखना है कि अभी आपकी लग्न कुंडली में किस ग्रह की महादशा और उसमें किसकी अंतर्दशा है; ऐसा करने से ग्रहों का प्रभाव जल्दी समझ आ जाता है।

अब हम गोचर के अनुसार ग्रहों का फल समझते हैं कि कौनसा ग्रह अशुभ फल देगा और कौनसा शुभ। इसके लिए लग्न कुंडली में योगकारक और मारक ग्रह की श्रेणी देखो, जो ग्रह लग्न कुंडली में योगकारक है वो ग्रह गोचर में कहीं भी हो शुभ फल ही देगा। जैसे राहु का उदाहरण लेते हैं:- राहु लग्न कुंडली में वृश्चिक राशि 12H में नीच होकर वक्री अवस्था में हैं (राहु-केतु सदैव वक्री ही रहते हैं)। गोचर में राहु मेष राशि 5H में हैं चूँकि राहु लग्न कुंडली में मारक हैं इसलिए गोचर में भी अशुभ ही परिणाम देंगे।

राहु लग्न कुंडली व गोचर के आधार पर कहाँ-कहाँ गलत परिणाम देंगे तो 1, 4, 5, 6, 8, 9, 11 और 12H से संबंधित समस्या उत्पन्न करेंगे। इसी तरह केतु 2, 3, 5, 6, 7, 10, 11 और बारहवें घर में; इस प्रकार हम कह सकते हैं कि राहु-केतु ने सम्पूर्ण कुंडली को कवर कर लिया तो क्या इस समय महोदय के साथ कुछ भी अच्छा नहीं होगा, तो ऐसा नहीं है क्योंकि अन्य ग्रह भी है जो जातक को शुभ परिणाम देंगे लेकिन केतु का नकारात्मक प्रभाव इस समय अधिक रहेगा क्योंकि केतु की महादशा चल रही है जो 17/05/2024 तक रहेगी। इसलिए इस समय महोदय को केतु का उपाय अवश्य करना चाहिए।

महोदय का प्रश्न है कि क्या मेरा विदेश में सेटलमेंट हो पायेगा? तो नहीं हो पाएगा यदि प्रयास करने पर कुछ समय के लिए चलें भी गए तो कुछ समय पश्चात्‌ विघ्न अवश्य पड़ेगा और गोचर को ध्यान में रखते हुए मई 2024 तक विदेश यात्रा सम्भव ही नहीं है। इस समय की माँग जातक को शांत रहकर पिता की आज्ञा मानने की है हालाँकि जातक के संबंध पिता से मधुर नहीं है विरोधाभास अवश्य रहता है लेकिन पिता जातक का कभी अहित नहीं करेंगे और डांटना-डपटना अहित करना नहीं होता बल्कि पिता की तरफ से आशीर्वाद होता है पुत्र को सही मार्ग और उचित रास्ता समझाने का।

ये उचित समय हैं अपने घर में रहकर अपनी सारी गलतियों को मानकर पिता की बात मानने का और इस समय आपका सहयोग आपकी माता करेंगी क्योंकि इस समय माता आपके पक्ष में हैं वैसे सदा ही रहतीं हैं। यदि पिता की बात मानेंगे तो शनि की दृष्टि शुभ हो जाएगी और भाग्य प्रखर हो जाएगा अन्यथा विदेश मेहनत करो या घर उचित मात्रा में की गई मेहनत का फल नहीं मिलेगा। तो कुलमिलाकर हम यहाँ फलकथन करना नहीं सीख रहें हैं क्योंकि ये एक लंबी प्रक्रिया है इसको चंद शब्दों में नहीं समझा जा सकता है।

इसलिए आपसे आग्रह किया जाता है कि यदि आपको ज्योतिष में रुचि है तो ज्योतिष के प्रत्येक विषय को ध्यान से पढ़ें। क्योंकि ज्योतिष एक ऐसा गहरा विषय है जिसमें कई बातें एक ही स्थान पर नहीं मिलतीं। कभी कोई जानकारी एक लेख में मिलेगी, तो कभी किसी अन्य में। यदि आपके मन में कोई प्रश्न उत्पन्न होता है तो आप निसंकोच कमेंट करके भी पूछ सकते हैं। याद रखिए – अधूरा ज्ञान हमेशा भ्रम और परेशानी का कारण बनता है, इसलिए पूर्ण और गहन अध्ययन ही सच्चे लाभ का मार्ग है।

गोचर और वर्तमान स्थिति

यदि आपने यह लेख पूरा पढ़ा होगा तो अब तक यह स्पष्ट हो गया होगा कि Current Position जानने के लिए गोचर देखना अनिवार्य है। ग्रहों का प्रभाव सामान्यतः 50% गोचर पर और 50% जन्म लग्न कुंडली पर आधारित होता है। लेख के मध्य में यह भी कहा गया था कि राहु, केतु, गुरु और शनि को छोड़कर बाकी ग्रहों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती। इसका कारण यह है कि बाकी ग्रहों का राशि स्थायित्व (Transit Duration) बहुत कम होता है।

उदाहरण के लिए –

  • चंद्रमा लगभग 2.25 दिन (करीब 54 घंटे) में ही अपनी राशि बदल लेते हैं।
  • इसी प्रकार अन्य ग्रह भी बहुत जल्दी-जल्दी राशि परिवर्तन करते हैं।

ग्रहों का गोचर समय (Transit Duration)

  1. सूर्य, मंगल, बुध, शुक्र → 30 से 45 दिन में एक राशि बदलते हैं।
  2. राहु और केतु → 18 महीने तक एक राशि में रहते हैं।
  3. शनि → लगभग 30 महीने (ढाई साल) तक एक राशि में रहते हैं।
  4. गुरु (बृहस्पति) → लगभग 13 महीने तक एक राशि में रहते हैं।

निष्कर्ष

अंततः, यदि हम सचमुच अपनी Current Position जानना चाहते हैं तो हमें केवल जन्म कुंडली तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह समझना होगा कि Gochar Kaise Dekhe। लग्न कुंडली हमें जीवन का खाका देती है, परंतु गोचर हमें वर्तमान परिस्थितियों का वास्तविक चित्र दिखाता है। दोनों का संयुक्त अध्ययन ही सटीक आंकलन का आधार बनता है।

गोचर का अध्ययन हमें यह जानने में मदद करता है कि किस समय में कौन-सा ग्रह हमारे लिए शुभ फल दे रहा है और कौन-सा अशुभ। विशेष रूप से शनि, गुरु, राहु और केतु का गोचर जीवन के बड़े मोड़ों पर गहरा असर डालता है। इन ग्रहों के प्रभाव को समझकर व्यक्ति गलत समय में सावधान रह सकता है और सही समय में अवसरों का लाभ उठा सकता है।

यही कारण है कि अधूरा ज्ञान हानिकारक होता है। यदि आप वास्तव में ज्योतिष को समझना चाहते हैं, तो निरंतर अध्ययन करें और हर लेख से छोटी-छोटी बातें ग्रहण करते रहें। सही मार्गदर्शन और निरंतर अभ्यास से ही आप यह जान पाएँगे कि गोचर को कुंडली में कैसे अप्लाई किया जाए और जीवन के उतार-चढ़ाव को संतुलित दृष्टि से कैसे देखा जाए।

अंतिम संदेश

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